जोड़ी पायल की–२
जब प्रेम में, कभी आघात होता है!
हृदय से ज़्यादा बेचारा मन रोता है!
बिलख जाता है हर लम्हा हर घड़ी!
प्रीतम जब नजरों से दूर होता है!
चांद तारे होते सबसे बुरे!
कहते है प्रेम का शुरू इनसे खेल होता है!
क्या करूँ उन्हें मनाऊँ कैसे!
उनकी रातों का मेरी सुबहों से मेल होता है!
कभी तो सुन लो बात इस घायल की!
पुकारे है तुम्हें,सन्दूक में पड़ी, जोड़ी एक पायल की!
#Abhiwrites❣